जानिए,महालक्ष्मी व्रत करने के महत्वपूर्ण नियम

 इस व्रत में महालक्ष्मी जी के सभी आठ स्वरूपों की भी पूजा करने की मान्यता है.

 लक्ष्मी जी की पूजा के पश्चात् सोलह दूर्वा घास की गांठ को पानी में डुबोकर शरीर पर छिड़कना चाहिए.

महालक्ष्मी व्रत करने वाले लोगों को इन 16 दिनों के दौरान मांस मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए.

व्रत के आखिरी दिन कलश की पूजा करने का मान्यता है. कलश के पानी में कुछ सिक्कों या अक्षत भर दें.

कलश पर पान या आम के पत्ते रखकर ऊपर नारियल रखें और फिर चंदन, हल्दी और कुमकुम का लेप कलश पर लगाएं.

महालक्ष्मी व्रत का पारण करने के लिए माता लक्ष्मी को प्रसाद में चढ़ाई हुई खीर से ही करें.

महालक्ष्मी व्रत के दौरान खट्टी चीजों का सेवन न करें.

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