वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसा होना चाहिए घर, मां लक्ष्मी चलकर आएंगी आपके घर

उत्तर-पश्चिम दिशा  इसे वायव्य दिशा भी कहते हैं। इस दिशा में आपका बेडरूम, गैरेज, गौशाला आदि होना चाहिए। 

दक्षिण-पूर्व दिशा  इसे घर का आग्नेय कोण कहते हैं। यह ‍अग्नि तत्व की दिशा है। इस दिशा में गैस, बॉयलर, ट्रांसफॉर्मर आदि होना चाहिए। 

उत्तर दिशा  इस दिशा में घर के सबसे ज्यादा खिड़की और दरवाजे होने चाहिए। घर की बालकॉनी व वॉश बेसिन भी इसी दिशा में होना चाहिए। यदि मेनगेट इस दिशा में है और अति उत्तम।

दक्षिण दिशा दक्षिण दिशा में किसी भी प्रकार का खुलापन, शौचालय आदि नहीं होना चाहिए। घर में इस स्थान पर भारी सामान रखें।  ऑक्सीजन का लेवल भी कम हो जाएग। इससे घर में क्लेश बढ़ता है 

दक्षिण-पश्चिम दिशा  इस दिशा में खुलापन अर्थात खिड़की, दरवाजे बिलकुल ही नहीं होना चाहिए। घर के मुखिया का कमरा यहां बना सकते हैं। कैश काउंटर, मशीनें आदि आप इस दिशा में रख सकते हैं। 

पश्चिम दिशा   आपका रसोईघर या टॉयलेट इस दिशा में होना चाहिए। रसोईघर और टॉयलेट पास- पास न हो, इसका भी ध्यान रखें। 

उत्तर-पूर्व दिशा   इसे ईशान दिशा भी कहते हैं। यह दिशा जल का स्थान है। इस दिशा में बोरिंग, स्वीमिंग पूल, पूजास्थल आदि होना चाहिए। इस दिशा में मेनगेट का होना बहुत ही अच्छा रहता है। 

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घर का आंगन   घर के आगे और पीछे छोटा ही सही, पर आंगन होना चाहिए। मीठा या कड़वा नीम, आंवला आदि के अलावा सकारात्मक ऊर्जा देने वाले फूलदार पौधे लगाएं। 

घर में नहीं लगाने चाहिए ये पेड़ पौधे, माने जाते है अशुभ